पूज्य गुरुदेव सत्संग को केन्द्रित रखना चाहते थे। उनकी इस भावना का सम्मान करते हुए एवं लोगों के कल्याण के लिए मैंने सन् 1995 में निम्न व्यवस्था की थी जिनकी सूक्ष्म सहमति पूज्य गुरुदेव ने इस प्रतिबन्ध के साथ कि ‘‘ये लोग एक केन्द्रीय व्यवस्था के अन्तर्गत मेरे निर्देशन में कार्य करते रहेंगे’’ प्रदान की थी। ये लोग सन् 1995 से मेरे निर्देशन में सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं। इनमें श्री काशी प्रसाद (लखनऊ), डॉ0 के0बी0 लाल (आगरा) एवं श्री ओम प्रकाश श्रीवास्तव (इलाहाबाद, जहाँ कार्यरत हों) है।
श्री काशी प्रसाद जी ‘सदाचार आश्रम’ लखनऊ में रहते हैं। यह गुरूदेव के अनन्य एवं समर्पित भक्तों में से एक है। वहाँ के सभी आध्यात्मिक कार्यक्रमों का संचालन करते रहते हैं। श्री राधा कृष्ण खरे जोकि गुरुदेव के अनन्य भक्त हैं पूज्य भाई साहब काशी प्रसाद जी को उनके निर्देशन में रचनात्मक सहयोग प्रदान करते हैं तथा समय-समय पर उनके सभी उत्तरदायित्वों का निर्वाह करते रहते हैं। वे भविष्य में इसी उत्साह एवं समर्पण के साथ सदाचार-आश्रम लखनऊ में कार्य करते रहेंगे और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि यहाँ की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे ताकि लोगों को आध्यात्मिक लाभ मिलता रहे और सबका कल्याण हो।
श्री ओम प्रकाश श्रीवास्तव जो पूज्य गुरुदेव के अनन्य भक्त हैं उनका पूज्य गुरुदेव में पूर्ण समर्पण एवं विश्वास देखकर मैंने इन्हें इलाहाबाद के साथ-साथ सभी आध्यात्मिक केन्द्रों का मेरे निर्देशन में आध्यात्मिक कार्यक्रमों के संचालन के लिए अधिकृत किया है। मेरा स्वास्थ्य ठीक न रहने के कारण ये मेरे सभी सांसारिक एवं आध्यात्मिक उत्तरदायित्वों का निर्वाह करते हैं और भविष्य में भी पूज्य गुरुदेव के संरक्षण में यथावत कार्य करते रहेंगे। इनके निवास स्थान आज कल इलाहाबाद में प्रतिवर्ष बसंत पंचमी के कार्यक्रम का आयोजन होता है जिसे यह लोग पूर्ण समर्पण के साथ करते हैं।
उरई में गुरुदेव की समाधि स्थल पर भी आध्यात्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं जिसका संचालन डॉ0 सत्य प्रकाश पंडित आदित्य मिश्रा के सहयोग से करते हैं। श्री सत्य प्रकाश के निवास स्थान पर प्रतिदिन 7 से 8 बजे सांय सत्संग आयोजित होता है जिसमें जिज्ञासु लोग सम्मिलित होकर सत्संग का लाभ उठाते हैं। इनकी पूज्य गुरुदेव में पूर्ण आस्था है। मुझे पूरा विश्वास है कि इसी समर्पण से पूज्य गुरुदेव के कार्यक्रमों को भविष्य संचालित करते रहेंगे।
डॉ0 के0बी0 लाल आगरा में पूज्य गुरुदेव के कार्य को बड़े ही उत्साह से आगे बढ़ा रहे थे। उनके पूज्य गुरुदेव में विलीन होने के पश्चात वहीं पर वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में उनकी पत्नी श्रीमती गीता लाल, जिनका सम्पूर्ण बचपन पूज्य गुरुदेव की छत्रछाया में व्यतीत हुआ है एवं उनकी पूज्य गुरुदेव में अटूट आस्था एवं विश्वास है, मेरे निर्देशन में वहाँ सत्संग का आयोजन करेगी जिससे वहाँ के लोग लाभ उठा सकें।
कार्य की व्यापकता एवं उपयोगिता को देखकर इसी क्रम में कुछ और लोगों को पूज्य गुरुदेव की सूक्ष्म सहमति से अध्यात्म की मूल धारा में जोड़ा गया है और इन्हें भी गुरुदेव के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिऐ अधिकृत किया जाता है। इनमें श्री राधाकृष्ण खरे (लखनऊ), श्री सत्य प्रकाश (उरई), श्री महेन्द्र कुमार (शिवपुरी), श्री दिलीप कुमार (इलाहाबाद), श्रीमती ऊषा रानी (मुन्ना कानपुर) एवं सुश्री दया गुप्ता (जालौन) है। इन लोगों को साधना की परिपक्वता, गुरुदेव में इनका सर्मपण एवं आस्था को देखकर ही इन्हें इस मूल धारा में जोड़ा गया है। इन लोगों के यहाँ नियमित रूप से सत्संग होता है, जहाँ लोगों को आध्यात्मिक लाभ मिलता है। यह सभी पूज्य गुरुदेव के अनन्य भक्त हैं एवं उनमें पूर्ण रूप से समर्पित हैं। पूज्य गुरुदेव द्वारा बताये हुए कर्तव्य पालन एवं सदाचार के मार्ग पर स्वयं चलते हुए यह लोग पूज्य गुरुदेव के कार्य को आगे बढ़ायेंगे जिससे समाज में व्याप्त विकृतियाँ दूर हो सकें और जन कल्याण का कार्य चलता रहे। यहाँ पर मैं सभी साधकों को सचेत करना चाहूँगा कि उन्हें स्वयं को अहंकार से बचाना होगा क्योंकि धन सम्पत्ति, वैभव कुल आदि सांसारिक अहम तो साधना एवं गुरु कृपा से दूर हो जायेंगे किन्तु यदि आध्यात्मिकता का अथवा साधक होने का अभिमान आ गया है तो वह मिटाना अत्यन्त कठिन है। साधक के मन में यह भाव नहीं आना चाहिए कि वह श्रेष्ठ है तो लोग उसका पूजन करें। उसे तो निष्काम भाव से कार्य करना चाहिए। इस प्रकार के अहंकार से साधक को स्वयं को दूर रखना होगा क्योंकि जब यह अहंकार मिटेगा तभी परमात्म प्राप्ति हो सकेगी जोकि बिना गुरु कृपा के सम्भव नहीं है। कोई भी साधना बिना सेवा एवं प्रेम के अधूरी रहती है। अतः साधक को अपनी साधना में सेवा एवं प्रेम पर भी बल देना चाहिए।
पूज्य गुरुदेव के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए अधिकृत लोगों के संदर्भ में कुछ लोगों की यह भावना होगी कि इन लोगों को ही यह उत्तरदायित्व क्यों सौंपा गया जबकि अन्य अनुभवी लोग भी मौजूद हैं। यह प्रश्न केवल अनुभव एवं योग्यता का नहीं है यह पूज्य गुरुदेव की इच्छा एवं पूज्य गुरुदेव ने इन लोगों की पात्रता एवं समर्पण को देखते हुए ही किया है। यदि इनमें कोई कमी भी रहती है तो गुरुदेव की कृपा से वह दूर होती रहेगी। उनकी कृपा से अध्यात्म के रहस्य एवं भेद इनके समक्ष स्वतः खुलते रहेंगे। इन लोगों के अधिकृत करने के सम्बन्ध में तुलसीदास जी का इस चैपायी से स्थिति और अधिक स्पष्ट हो जायेगी।
यह गुन साधन ते नहि होई, तुम्हारी कृपा पाव कोई कई।।
उपरोक्त केन्द्रीय व्यवस्था के अन्तर्गत ये लोग गुरुदेव के सेवक के रूप में लोगों की ईश्वरीय रूप में निष्काम भाव सेवा करते रहेंगे एवं समय समय पर मुझसे सम्पर्क करते रहेंगे और मेरे दिये हुये निर्देशों का पालन करेंगे। सभी आध्यात्मिक केन्द्र अपनी व्यवस्था देखेंगे और अपने-अपने क्षेत्र में आध्यात्मिक कार्यक्रम का सम्पादन करेंगे। ये सभी लोग एक दूसरे के साथ सामंजस्य रखते हुये, एक दूसरे का सम्मान करते हुये लोगों के समक्ष एक मिसाल कायम करेंगे एवं गुरूदेव के कार्य को आगे बढ़ाते रहेंगे।
कृष्णदयाल जी(1) व्यवहारिक अध्यात्म संस्थान
859, पुराना कटरा, इलाहाबाद
संरक्षक - परमसन्त ब्रह्मलीन श्री कृष्णदयाल जी
संचालिका - श्रीमती शक्तिबाला
(पत्नी श्री कृष्णदयाल जी)
सत्संग दिवस - सोमवार से शनिवार
समय - प्रातः 11:00 बजे एवं सांय 7:00 बजे
(2) सदाचार आश्रम
628 राजेन्द्र नगर
नवा मार्ग लखनऊ
संचालक - श्री काशी प्रसाद खरे
सहायक संचालक - श्री राधाकृष्ण खरे
सत्संग दिवस - प्रतिदिन
समय - प्रातः एवं सांय
(3) श्री सद्गुरू कृपा सदन
12/30 द्वारिकापुरी कालोनी
म्योर रोड इलाहाबाद, उ0प्र0
संचालक - श्री ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सत्संग दिवस - रविवार
समय - सांय 7:00 बजे
(4) 31/292, गालव दूध डेरी के पीछे,
नरेन्द्र नगर छतरी रोड, शिवपुरी, म0प्र0
संचालक - श्री महेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
सत्संग दिवस - रविवार
समय - प्रातः 9:00 बजे
(5) शान्ति निकेतन
845, पुराना कटरा
यूनिवर्सिटी रोड, इलाहाबाद उ0प्र0
संचालक - श्री दिलीप कुमार श्रीवास्तव
सत्संग दिवस - रविवार
समय - प्रातः 9:00 बजे
(6) 2195, आवास विकास कल्याणपुर
पनकी रोड, कानपुर
संचालक - श्रीमती मुन्ना
सत्संग दिवस - रविवार
समय - प्रातः 9 बजे
(7) ऊँ शान्ति प्रासाद
27 महावीर पुरा, उरई
संचालक - श्री सत्य प्रकाश श्रीवास्तव
सत्संग दिवस - प्रतिदिन
समय - सांय 7 बजे
(8) 57, इन्द्रधनुष कालोनी,
दयालबाग, आगरा
संचालिका - श्रीमती गीता लाल
सत्संग दिवस - महीने के दूसरे रविवार
समय - सांय 5 बजे
(9) जिला जालौन संचालिका - सुश्री दया गुप्ता